एफएमसीजी (फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स) क्षेत्र में ऐसे व्यवसाय शामिल हैं जो जल्दी उपभोग योग्य (इसलिए फास्ट-मूविंग कहा जाता है) जैसे दूध और डेयरी उत्पाद, पेय पदार्थ, सौंदर्य प्रसाधन इत्यादि का कारोबार करते हैं। चूंकि एफएमसीजी की शेल्फ लाइफ कम होती है, इसलिए त्वरित डिलीवरी होती है। एफएमसीजी सेक्टर में सामान महत्वपूर्ण है। ई-वे बिल प्रणाली 2018 की शुरूआत ने माल के आसान और तेज हस्तांतरण की सुविधा के अलावा, एफएमसीजी उद्योग को कई अन्य तरीकों से भी लाभान्वित किया है। इस लेख में, हम चर्चा करेंगे कि ई-वे बिल प्रणाली ने एफएमसीजी क्षेत्र में व्यवसायों को कैसे लाभ पहुंचाया है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था में चौथा सबसे बड़ा क्षेत्र है।
एफएमसीजी उद्योग एक विशाल उद्योग है और उत्पादों का एक बड़ा वर्ग एफएमसीजी श्रेणी में आता है। एफएमसीजी श्रेणी में आने वाले उत्पादों में शामिल हैं:
ताजा/जमे हुए खाद्य और डेयरी उत्पाद: दूध, दही, फल, सब्जियाँ, किशमिश और मेवे।
बना हुआ खाना: अनाज, आलू के चिप्स और पैकेज्ड पास्ता।
पेय पदार्थ: बोतलबंद पानी, शीतल पेय, ऊर्जा पेय और फलों का रस।
पके हुए उत्पाद: बिस्कुट, कुकीज़, और बैगल्स
तैयार भोजन: खाने के लिए तैयार भोजन।
प्रसाधन सामग्री: साबुन, टूथपेस्ट, और बालों की देखभाल के उत्पाद।
उत्पादों की सफाई कर रहा हूं: खिड़की/ग्लास क्लीनर, बेकिंग सोडा, डिश क्लीनर और ओवन क्लीनर।
स्टेशनरी और कार्यालय आपूर्तियाँ: पेन, पेंसिल, इरेज़र और मार्कर।
भारत सरकार द्वारा हाल ही में शुरू की गई ई-वे बिल प्रणाली ने एफएमसीजी क्षेत्र को कई तरह से मदद की है। इससे न केवल ट्रांसपोर्टरों द्वारा मानदंडों का बेहतर अनुपालन सुनिश्चित हुआ है, बल्कि व्यवसायों की दक्षता में भी सुधार हुआ है। आप सीख सकते हैं कि ई-वे बिल कैसे जनरेट करें । बजाज मार्केट्स पर ई-वे बिल लॉगिन पोर्टल के माध्यम से, विशेष वित्तीय सेवा बाज़ार